Unrequited Love: Sandeep and Sandhya's Tale
संदीप की लव स्टोरी एक लड़की थी जिसका नाम संध्या था वह लड़की संदीप के गांव के बगल में के रहने वाली थी और साथ में ही संदीप के पड़ोस के भाभी की बहन थी
संध्या जब अपने बहन के घर आई थी उस वक्त संदीप पहली बार संध्या को देखा था और देखते ही उससे प्यार कर बैठा था परंतु संध्या को यह बात पता नहीं थी आइए चलिए हम शुरू से बताते हैं
इस लव स्टोरी के बारे में संध्या जब पहली बार अपने दीदी के घर आई तो उस समय संदीप उसी घर में बैठा हुआ था संदीप संध्या को देखा तो पहली नजर में ही प्यार कर बैठा परंतु संध्या बहुत ही शरीफ और संस्कारी लड़की थी
संदीप उठते बैठते जागते सोते हर वक्त संध्या के बारे में ही सोचता रहता था एक दिन संदीप की भाभी बोली मेरे बहन को ले जाकर मार्केट में कुछ मार्केट करा लाओ
संदीप बहुत खुश हुआ और संध्या को लेकर मार्केट करने निकल पड़ा रास्ते में दोनों एक दूसरे से सोचते रहे कि क्या बात करना है संदीप मने मन में मुस्कुराता हुआ मार्केट पहुंच गया परंतु संध्या और संदीप के बीच कुछ बातचीत नहीं
हुई संदीप सोचा इस बार मैं जब उसे बाइक पर बैठा कर ले जाऊंगा तब मैं उससे कुछ बातें कर लूंगा संध्या जब मार्केट कर ली उसके बाद जब बाइक पर बैठकर जाने लगे तो
संदीप पहली बार संध्या से बात की संध्या भी हंसते मुस्कुराते संदीप से बात करने लगी और दोनों घर चले आए फिर संदीप ने हिम्मत जुटाकर सोचा कि मैं आज संध्या को प्रपोज कर लूंगा
संदीप संध्या को प्रपोज करने के लिए उसके घर गया जब उसके घर में कोई नहीं था तो संध्या से अपने प्यार की बातें कह दिया परंतु संध्या ना कह दिया संदीप चुपचाप उसके घर से चला गया हूं
2 दिन तक संदीप संध्या के घर नहीं गया हूं संध्या बहुत चिंता हो गई कि मैंने ना बोल दिया इसीलिए लग रहा नहीं रहा है
तभी उसकी भाभी ने एक छोटे से बच्चे को भेजकर संदीप को बुलवा ई संध्या की दीदी पूछने लगे कि तुम आ क्यों नहीं रहे थे तभी संदीप ने जवाब दिया मैं थोड़ा काम में व्यस्त था इसी के कारण से मैं नहीं आ
पाया संध्या ने संदीप को मुस्कुराते हुए कहा मैं तो तुम्हें देखना चाहती थी कि मैं ना बोलती हूं तो तुम क्या करते हो लेकिन तुम तो मुझे भूल ही गए संदीप ने संध्या से बोला ऐसी कोई बात नहीं है मैं यह सोच रहा था
कि मैं कैसे तुम्हारे सामने जाऊं संध्या ने अपने प्यार का इजहार संदीप के साथ कर दिया दोनों खुशी-खुशी रहने लगे हो लेकिन कहते हैं ना कि प्यार में ब्रेकअप जरूर होता है और ऐसा समय भी आ
गया कुछ साल गुजरे उसके बाद संध्या के लिए उसके पिताजी एक लड़का खोज दिए शादी के लिए संध्या इस बात से बड़ी दुखी थी क्योंकि संध्या संदीप से प्यार करती थी
संध्या ने संदीप के पास फोन लगाया और उससे सारी बातें बताएं संदीप बेचारा सारी बात अपने भाभी से बताएं परंतु भाभी ने कहा अब तो बहुत देर हो चुकी है अब मैं कुछ नहीं कर सकती
और इस तरह संध्या की शादी हो गई तो कैसी रही लव स्टोरी दोस्तों हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा आप सभी दोस्तों को अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
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